राजस्थान की भाजपा सरकार का लगभग 18 महीनों का कार्यकाल पूरा होने के बाद अब राज्य में बड़े राजनीतिक बदलावों के संकेत मिल रहे हैं। खासकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की एक सप्ताह में दो बार दिल्ली यात्राओं और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सक्रियता ने इस बदलाव को हवा दी है।
हाल ही में वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी दिल्ली जाकर पीएम, शाह और भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष से मुलाकात की। यह राजनीतिक गतिविधियां आने वाले मंत्रिमंडलीय फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों की ओर इशारा कर रही हैं।
मंत्रिमंडल में फेरबदल तय
भाजपा के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी के अनुसार, अगले महीने तक राज्य मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल होगा। इस फेरबदल में वसुंधरा राजे समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही राजनीतिक नियुक्तियों में भी इन समर्थकों को तवज्जो दी जाएगी।
संगठन और सत्ता में बदलाव
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा नेतृत्व ने राज्य सत्ता और संगठन की टीम में भी बदलाव करने के संकेत दिए हैं। हाल ही में पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी को राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। इसी कड़ी में पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, सतीश पूनिया, पूर्व सांसद रामचरण बोहरा, और पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ जैसे वरिष्ठ नेताओं को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर राज्य आयोगों एवं बोर्डों में नियुक्त किया जा सकता है।