Uttarkashi Disaster: 5 अगस्त 2025 की दोपहर उत्तरकाशी के धाराली गाँव में एक ऐसा तूफान लेकर आई जो कई परिवारों के लिए जिंदगी भर का जख्म दे गई। धाराली में बादल फटने से भयंकर तबाही हुई। घर, दुकानें, सड़कें बह गईं, कई जगहों पर पुल, हाईवे क्षतिग्रस्त हो गए। इस तबाही में भारतीय सेना के 11 जवान भी लापता हुए जिनमें पांच जवान राजस्थान के भी हैं। उनके परिजनों ने इन्हें ढूंढने के लिए सरकार से मदद मांगी है।
खुद उत्तरकाशी पहुंचे जवानों के परिवारी जन
धाराली में लापता हुए इन जवानों में करौली के रहने वाले अजीत राजपूत, सीकर के धोत के रहने वाले हरित सिंह, चूरू के रतनगढ़ के रहने वाले हरलाल कालेर, सादुलपुर के रहने वाले सचिन और नागौर के पूनाराम शामिल हैं। पिछले 12 दिन से इन सभी के परिवारी जन इन्हें ढूंढने के काफी कोशिश करते रहे। लेकिन जब इनका कोई सुराग नहीं मिला तब इन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
सांसद सुमेधानंद ने अमित शाह और राजनाथ सिंह को लिखा पत्र
5 अगस्त को जब धाराली में जल प्रलय आई उस दौरान ये जवान धाराली गांव में ही तैनात थे। जब यह खबर उनके पारिवारिक जनों को पता चली तब से ही इन्होंने इन जवानों को खोजने के लिए हर संभव प्रयास किए लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली।
रिपोर्ट के मुताबिक इन जवानों के परिवार के कुछ लोग उत्तरकाशी भी पहुंचे हैं वहां से भी उन्होंने इन जवानों का पता लगाने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। सीकर के जवान के पारिवारी जनों ने सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती तक अपनी बात पहुंचाई जिसके बाद सुमेधानंद ने संसद में यह मुद्दा उठाया।
उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने भारतीय सेना के जवानों के बचाव कार्य में तेजी लाने और उसमें आने वाली समस्याओं को तकनीकी सहायता से दूर करने की मांग उठाई है। साथ ही कहा है कि इससे लापता हुए जवानों के पारिवारिक जनों को ढांढस बंधेगा।
लापता और मृतकों में कुल 68 लोग शामिल
उत्तरकाशी में आई आपदा में लापता और मृतकों में कुल 68 लोग शामिल हैं। इन 68 लोगों के नाम की लिस्ट उत्तराखंड सरकार ने जारी की थी। इसमें नेपाल से आए लोग भी शामिल थे। वहीं पड़ोसी राज्यों के भी कई लोग शामिल हैं। वहीं सरकारी लिस्ट से इतर मीडिया रिपोर्ट्स 200 से ज्यादा लोगों के लापता और मृतक होने का दावा कर रही हैं। हालांकि इस पर अभी तक कोई सरकारी रिपोर्ट पेश नहीं हुई है। सरकार ने जितने लोगों के नाम जारी किए हैं उनकी संख्या अभी तक 68 ही बताई जा रही है।