Rajasthan Nila Drum Murder: मेरठ में नीले ड्रम वाले हत्याकांड से अभी देश अभी संभला भी नहीं था कि प्रदेश के खैरथल-तिजारा में भी नीले ड्रम में युवक का शव मिलने से पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। हैरानी की बात तो ये है कि मृतक युवक की पत्नी अपने बच्चों के साथ फरार है और मकान मालकिन का बेटा भी गायब है। वहीं अब इस मकान की मालकिन ने यह कहा है कि जिस नीले ड्रम में यह शव छुपाया गया था वह महिला ने मकान मालकिन से ही लिया था।
घर में पानी स्टोर करने के लिए मांगा था ड्रम
अलवर के खैरथल-तिजारा में हुए इस मर्डर से पूरे प्रदेश समेत देश में आपाधापी मची हुई है। नीले ड्रम वाले इस केस ने फिर से खुद को सुर्खियों में ला खड़ा किया है। इस मर्डर के बाद मकान मालकिन के चेहरे से हवाइयां उड़ी हुई है क्योंकि इतना वीभत्स हत्याकांड उसके घर में ही हुआ।
मीडिया को सवालों का जवाब देते हुए 60 साल की मकान मालकिन मिथिलेश ने कहा कि सात-आठ दिन पहले मृतक हंसराज की पत्नी लक्ष्मी देवी ने एक ड्रम मांगा था तो मिथिलेश ने ड्रम मांगे जाने का कारण भी पूछा था। इस पर लक्ष्मी देवी ने कहा कि घर में पानी स्टोर करने के लिए उसे ड्रम चाहिए क्योंकि कभी-कभी दो-तीन दिनों तक पानी नहीं आता। ऐसा कहने पर मिथिलेश ने सुनीता को ड्रम थमा दिया। मिथिलेश ने कहा कि उसे क्या पता था इस ड्रम को लेकर इतनी बड़ी साजिश रची जा रही है।
मकान मालकिन के बेटे पर भी हत्या का शक
हंसराम का मर्डर किसने किया और उसका शव इस नीले ड्रम में किसने छिपाया इसकी मिस्ट्री अभी तक सुलझी नहीं है। लेकिन हंसराम की हत्या का शक उसकी पत्नी लक्ष्मी के अलावा मकान मालकिन के 35 साल के बेटे जितेंद्र पर भी जा रहा है। क्योंकि इस हत्याकांड के बाद से मृतक की पत्नी लक्ष्मी और उसके बच्चों के अलावा जितेंद्र भी गायब है। पुलिस इन सबकी तलाश में जुटी है।
हंसराज और जितेंद्र गहरे दोस्त
खैरथल-तिजारा के किशनगढ़ बास की आदर्श कालोनी के जिस घर में ये हत्याकांड हुआ वो मकान प्रॉपर्टी डीलर राजेश शर्मा का है। राजेश की पत्नी और मकान मालकिन मिथिलेश ने जितेंद्र पर हत्या के शक के सवाल पर कहा कि उसका बेटा जितेंद्र और हंसराज गहरे दोस्त की तरह थे। वे अक्सर साथ रहते और साथ घूमने जाते थे। हंसराज भी मिथिलेश के बेटे जैसा था।
मिथिलेश ने कहा कि उसका बेटा जितेंद्र तिजारा के ही भिंडसी गांव स्थित एक भट्टे पर मुनीम है। इस भट्टे पर ही उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के नवादिया नवाजपुर के रहने वाले हंसराम और उसकी पत्नी सुनीता मजदूरी करते थे। यहीं पर हंसराम और जितेंद्र की दोस्ती हुई। जितेंद्र ने ही हंसराम को अपने घर में किराए पर रहने के लिए कमरा दिया। जिसमें हंसराज के साथ उसकी पत्नी और बच्चे रहते थे, ये कमरा घर की छत पर ही था।
पिता से हंसराज और उसकी पत्नी सुनीता का गलत नाम बताया
इस मामले को लेकर डीसीपी राजेंद्र सिंह निर्वाण ने जानकारी देते हुए बताया कि जितेंद्र ने हंसराज और उसकी पत्नी लक्ष्मी देवी का अपने पिता को झूठा नाम बताकर कमरा दिलवाया। जितेंद्र ने हंसराज का नाम सूरज बताया और लक्ष्मी देवी का नाम सुनीता बताया। घटनास्थल की छानबीन में जब हंसराज और लक्ष्मी देवी के आधार कार्ड मिले तब इस बात का खुलासा हुआ।
डीसीपी निर्वाण का कहना है कि प्रथम दृष्टया ये मामला अवैध संबंधों का लग रहा है जितेंद्र और हंसराज की पत्नी लक्ष्मी देवी का लव अफेयर हो सकता है। इसलिए ये दोनों बच्चों से साथ फरार हो गए हैं। हालांकि पुलिस टीम हर एंगल से राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में दबिश देकर छानबीन कर रही है। जल्द मामले का खुलासा होगा।
बीती 17 अगस्त को मकान मालकिन ने दी थी सूचना
रिपोर्ट के मुताबिक मकान मालकिन मिथिलेश के पति राजेश शर्मा प्रॉपर्टी डीलर हैं। इसलिए उनका घर में आना-जाना काम ही होता है। हफ्ते में दो या तीन दिन के लिए ही वे घर आते हैं। ऐसे में मकान में मिथलेश, उनका बेटा जितेंद्र और उसका 14 साल का बेटा ही रहता है। जितेंद्र की पत्नी की 12 साल पहले मौत हो चुकी है। बीती 17 अगस्त की सुबह जब मिथिलेश अपनी छत पर गई तो उसे बदबू महसूस हुई। जब उसने थोड़ी सी छानबीन की तो नीले ड्रम से बदबू आने का संकेत हुआ जब उसने उसे नील ड्रम में जाकर देखा तो उसके होश उड़ गया और वह बदहवास हो गई जिसके बाद इस मामले की सूचना पुलिस को दी गई।