जयपुर, राजस्थान: उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की खबरों के बाद राजस्थान की सियासत में बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। कांग्रेस लगातार इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमलावर है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद, अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने भी केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा पर तीखा हमला बोला है। डोटासरा ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार और भाजपा ‘यूज एंड थ्रो’ की नीति पर काम करती है। उन्होंने कहा कि “जब तक इनके पैटर्न पर काम करें, तब तक उसे रखो और फिर उठाकर फेंक दो।”
डोटासरा ने गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि ऐसी क्या बात हो गई कि उन्हें बीच में त्यागपत्र देना पड़ा। उन्होंने सवाल उठाया कि यह घटनाक्रम लोकतंत्र प्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। पीसीसी चीफ ने स्पष्ट किया कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर बात जाति की नहीं है, लेकिन वह राजस्थान के बेटे थे। उन्होंने कहा कि “जिस तरीके से उनसे इस्तीफा लिया गया है, ये लोकतंत्र के लिए खतरनाक है और राजस्थान की 36 कौम इस बात पर विचार करेगी।”
‘काम करने वाले नेताओं की बीजेपी में कोई जरूरत नहीं’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा की आंतरिक कार्यप्रणाली पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि काम करने वाले नेताओं की बीजेपी में कोई जरूरत नहीं है। यह पार्टी अपने हिसाब से मुख्यमंत्री बनाती है। डोटासरा ने सवाल उठाया कि “वसुंधरा राजे, राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया और सीपी जोशी में क्या कमी थी? उन्हें क्यों नहीं मुख्यमंत्री बनाया गया? उनकी मेहनत में क्या कमी थी?” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को जनता की पसंद का नेता नहीं चाहिए और पार्टी में ‘हम दो हमारे दो’ के पैटर्न पर काम चल रहा है।
तीन दिन बाद भी धनखड़ का कोई बयान नहीं आया
डोटासरा ने जगदीप धनखड़ के कथित इस्तीफे के बाद उनकी चुप्पी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि “आज तीन दिन हो गए हैं। धनखड़ का कोई बयान सामने नहीं आया कि मैं दवाई ले रहा हूं या कुछ भी, उन्होंने कहा क्या?” डोटासरा ने तंज कसते हुए कहा कि “एक भी भाजपा के नेता ने उनके घर जाकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली?” उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि “भाजपा का यही मॉडल है कि हर स्टेट में संवैधानिक संस्था पर पपेट बिठाओ और जब वो अपने विवेक से संविधान के तहत काम करने लगे तो उसे रास्ते से हटा दो। यही राजस्थान में हो रहा है और यही दिल्ली में हो रहा है।”
अविनाश गहलोत कौन होते हैं पंचायत चुनाव कराने वाले?
इस दौरान, डोटासरा ने समाज कल्याण मंत्री अविनाश गहलोत के दिसंबर में पंचायत-निकाय चुनाव एक साथ कराए जाने के बयान पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि संविधान के 73वें संविधान संशोधन में साफ लिखा है कि पंचायत और निकाय चुनाव 5 साल में होंगे। डोटासरा ने सरकार से पूछा कि “क्यों चुनाव नहीं करवाए जा रहे हैं या मुख्यमंत्री को ऊपर से कोई कड़क संदेश है कि वो एक शब्द इस पर नहीं बोलेंगे?”