झालावाड़/पीपलोदी: शुक्रवार को हुए दर्दनाक स्कूल हादसे के बाद आज पीपलोदी गांव पर दुख का ऐसा पहाड़ टूटा, जिसे देख हर आंख नम हो गई और हर दिल दहल गया। जब राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के 7 मासूम बच्चों की अर्थियां एक साथ उठीं तो कोहराम मच गया। मांओं की चीखें और पिता की बेबसी आसमान में गूंज रही थी। हर कोई एक ही सवाल पूछ रहा था कि आखिर इन मासूमों का क्या कसूर था?
मनोहरथाना उपखंड के पीपलोदी गांव में शनिवार सुबह का सूरज शायद ही कोई देखना चाहता था। रात भर से जल रहे चूल्हे आज ठंडे पड़े थे। हर घर में सिर्फ सिसकियां और मातम पसरा था। शुक्रवार को स्कूल की जर्जर छत गिरने से अपनी जान गंवाने वाले पायल, प्रियंका, हरीश, सतीश, कान्हा, कुंदन और मीना के शव पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही गांव पहुंचे, परिजनों का सब्र का बांध टूट गया।
एक मां बार-बार होती रही बेसुध
हादसे में अपने सगे भाई-बहन कान्हा और मीना को खोने वाली मां का हाल सबसे बुरा था। वह अपनी दोनों संतानों के शवों से लिपटकर बार-बार बेसुध हो रही थी। होश में आते ही वह फिर अपने जिगर के टुकड़ों को पुकारती और फिर बेहोश हो जाती। वहां मौजूद लोगों के लिए यह मंजर देख पाना असहनीय हो रहा था। अन्य बच्चों की माएं और परिजन भी बदहवास हालत में थे। उनकी चीत्कार सुनकर पत्थर दिल भी पिघल जाए।
एक साथ 6 चिताएं, गांव में पसरा सन्नाटा
पीपलोदी गांव के श्मशान घाट पर जब एक साथ 6 बच्चों की चिताएं जलाई गईं तो पूरा गांव शोक में डूब गया। सातवें बच्चे का अंतिम संस्कार पास के गांव में किया गया। पूरे गांव में अघोषित बंद का माहौल था, दुकानें बंद थीं और गलियों में मौत जैसा सन्नाटा पसरा था। हर चेहरे पर उदासी, गुस्सा और सिस्टम के प्रति आक्रोश साफ नजर आ रहा था। ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल की जर्जर इमारत को लेकर कई बार शिकायत की गई थी, लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
प्रशासनिक लापरवाही ने लील लीं जिंदगियां
यह दर्दनाक हादसा शुक्रवार सुबह उस वक्त हुआ जब बच्चे प्रार्थना के बाद कक्षा में बैठे थे। तभी अचानक जर्जर हो चुकी छत भरभराकर उन पर आ गिरी। इस हादसे में 7 बच्चों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा बच्चे घायल हो गए, जिनका इलाज जारी है। घटना के बाद सरकार ने मुआवजे का ऐलान कर दिया है और स्कूल के प्रिंसिपल समेत पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन गांव वालों के लिए यह जख्म शायद ही कभी भर पाएगा। पीपलोदी गांव के लिए यह एक ऐसा काला दिन है, जिसे वह कभी नहीं भुला पाएगा।