जयपुर/बीकानेर: पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती और पिछड़े इलाकों के लिए एक ऐतिहासिक खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने बहुप्रतीक्षित अनूपगढ़-खाजूवाला-छत्तरगढ़-जैसलमेर रेल लाइन के सर्वे को मंजूरी दे दी है। लगभग 260 किलोमीटर लंबी यह नई रेल लाइन न केवल बीकानेर और जैसलमेर को सीधे जोड़ेगी, बल्कि उन कस्बों में पहली बार ट्रेन की सीटी सुनाई देगी, जहां के लोगों ने आज तक रेल नहीं देखी। यह परियोजना सामरिक और औद्योगिक दृष्टि से एक मील का पत्थर साबित होगी।
पहली बार रेल देखेगा खाजूवाला, अनूपगढ़
इस परियोजना का सबसे बड़ा लाभ बीकानेर और अनूपगढ़ जिले के उन हजारों लोगों को मिलेगा जो आज भी रेल नेटवर्क से पूरी तरह कटे हुए हैं। खाजूवाला, छतरगढ़ और नवगठित जिले अनूपगढ़ के निवासी जिला मुख्यालय और अन्य शहरों तक पहुंचने के लिए पूरी तरह निजी बसों पर निर्भर हैं। यह नई रेल लाइन इन ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए विकास की जीवन रेखा बनेगी। इसके बनने से यहां के यात्रियों को फलोदी, रामदेवरा, जैसलमेर और बाड़मेर जैसे प्रमुख स्थानों तक जाने के लिए सीधी और सस्ती रेल सुविधा मिल सकेगी।
सामरिक दृष्टि से क्यों अहम है यह रेल लाइन?
यह रेल लाइन केवल यात्री सुविधा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी यह एक रणनीतिक कदम है।
- सैन्य आवाजाही होगी सुगम: भारत की पश्चिमी सीमाओं पर सैन्य संसाधनों और जवानों की तेज आवाजाही एक प्राथमिकता है। यह नया रेल लिंक सीमावर्ती क्षेत्रों तक सैनिकों और भारी उपकरणों की तेज और निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करेगा।
- बॉर्डर तक सीधी पहुंच: इससे सीमा सुरक्षा बलों (BSF) को बॉर्डर आउटपोस्ट तक पहुंचने में आसानी होगी, जो भविष्य की किसी भी चुनौती से निपटने में सेना को मजबूती प्रदान करेगा।
केंद्रीय कानून मंत्री और बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल लंबे समय से इस परियोजना के लिए प्रयासरत थे। उन्होंने इस मंजूरी को सामरिक दृष्टि से एक बड़ी उपलब्धि बताया है। उनका मानना है कि इससे न केवल सीमाएं सुरक्षित होंगी, बल्कि क्षेत्र में औद्योगिक निवेश और रोजगार के नए द्वार भी खुलेंगे।
स्थानीय प्रतिनिधियों ने जताया आभार
खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने भी सर्वे की स्वीकृति पर केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह खाजूवाला और आसपास की जनता के लिए एक सपने के सच होने जैसा है, जिसका इंतजार दशकों से किया जा रहा था। सर्वे पूरा होने के बाद अब जल्द ही इस परियोजना पर काम शुरू होने की उम्मीद है, जिससे पश्चिमी राजस्थान के विकास को एक नई गति मिलेगी।